आश्रय भारत के बारे में


आश्रय भारत फरीदाबाद स्थित एक अलाभकारी, पंजीकृत गैरसरकारी संस्था है, आश्रय भारत फरीदाबाद में पिछले 10 सालों से राज्य की सबसे गंभीर समस्या कन्या भूर्ण हत्या पर काम कर रही है, संस्था लोगो के बीच जाकर कन्या भूर्ण हत्या पर जागरूकता का काम करती है, तथा समाज में बालिकाओ के घटती हुई संख्या पर लोगो का ध्यान केन्द्रित करती, इस जघन्य आपराध के प्रति लोगो को क़ानूनी जानकारी देती है, और समाज में बालिका के प्रति नकारात्मक सोच को बदलना तथा बालिकाओ को पढ़ा-लिखाकर उनको सक्षम बनाने की लिए लोगो को प्रेरित करती है.

Friday, October 22, 2010

बेटी बचाओ - नारे (SOLOGAN FOR SAVE THE GIRL CHILD IN HINDI)

१. बेटी है कुदरत का उपहार.
   मत करो इसका तिस्कार .

२. बेटी बचाओ, बेटी पढाओ.
    एक आदर्श माँ-बाप कहलाओ.

३. जीने का भी उसका अधिकार .
   बस चाहिय उसको, आपका प्यार .

४.  आपकी लालसा है बेकार.
     बिन बेटी   के न चले संसार .

५. ऐसा कोई काम नहीं, जो बेटियाँ न कर पाई है .
    बेटियां तो आसमान से, तारे तोड़ की लाई है .

५.  दुल्हन न अगर दुनिया में, दूल्हा कुंवारा रह जायेगा.
    क्या होगा इस दुनियां का, कोन मानव वंश चलाएगा .

Thursday, April 8, 2010

लूट सको तो लूट लो भैया

लोट खशौट कि छुट है बहिया, लोट सको तो लूट
जनता भूखी प्यासी मरे चाहिए, पीके जहर के घूंट 
कम दामों में तुम जितना, हथिया सकते हो हथियालो 
मेरे देश कि जनता को लूट के तुम  कंगाल बनालो 
कम दामों में तुमको मिलेगी भारी छूट
लोट खशौट कि छुट है बहिया, लोट सको तो लूट !

कम पैदावार कि अपवाह हम देश में फैलायेंगे 
गोदामों में अनाज हम तुम्हारा पहुचेंगे 
देश कि भुक्कड़ जनता से मॉल तुम्हारा बेचेंगे 
मुनाफा जो बनेगा मिल बाँट के खायेंगे 
हमारा तुम्हारा रिस्ता रहेगा हमेशा अटूट 
लोट खशौट कि छुट है बहिया, लोट सको तो लूट!

सड्डा गला जो बच जाय वो गरीबों में बेचेंगे 
सड्डे गले आनाज से देश में कुपोषण फैलायेंगे 
वादा जनता से किया वो पूरा निभाएंगे 
इस देश से गरीबों का नामों निसा मिटायेंगे 
बटोर सको तो बटोर देश के सरे नोट 
लोट खशौट कि छुट है बहिया, लोट सको तो लूट!

महंगाई को रोना भैया हम जनता के रोयेंगे 
मगरमच्छ के आंसू हम भी अपने बहांगे 
महगाई को कम करेंगे, कह के आयेंगे 
अगले पांच सालों तक मिल मौज मनाएंगे 
तुम्हे चाहिए नोट भैया हमें तो चाहिए वोट
लोट खशौट कि छुट है बहिया, लोट सको तो लूट!


                                                                                           महिपाल सिंह नेगी 









Thursday, January 28, 2010

कहाँ खो रही है बेटिया

मेरे हिंदुस्तान कहाँ खो रही है बेटिया ?
जिस देश में पूजनीय मानी जाती है  बेटियां
जिस देश की कमान संभाल चुकी है बेटियां
जमी से गंगन को जहाँ छु चुकी है बेटियां !

हीन भावना से क्यूँ देखी जाती है बेटियां
क्यूँ हिंसा का शिकार बनती है बेटियां
जन्म से ही पहले ही मारी जाती है बेटियां
क्यों बेटों कि चाहत में मिटा दी जाती है बेटियां !

क्यों डरी सहमी से होती है ये  बेटियां
अपने ही घर में क्यूँ पराया होती है बेटियां
घुट_घुट कर क्यूँ जीती है बेटियां
दहेज़ कि बलि क्यों चढ़ जाती है बेटियां!

भेद_भाव को भी सहती है बेटियां
चार दिवारी में क्यूँ कैद रहती है बेटियां
जीना का अधिकार खो जाती है बेटियां
क्यूँ प्यार नहीं पाती है ये बेटियां!

इंदिरा और लक्ष्मी बाई भी थी बेटियां
प्रतिभा और सानिया भी है बेटियां
देश का नाम रोशन करती आ रही बेटियां
फिर भी क्यूँ नफरत में जी रही है बेटियां!

कब अपने देश आजाद हो पायेगी बेटियां
कब इज्जत जीने अधिकार पायेगी बेटियां
बार-बरी का हक कब पायेगी बेटियां
जुल्मों से मुक्ति कब पायेगी बेटियां!

देवी रूप जहाँ मानी जाती है बेटियां
फिर रक्चाश से क्यूँ डरती है देवियाँ
दुर्गा रूप क्यूँ नहीं लेती ये बेटियां
क्यूँ अत्याचारियों के लहू नहीं पीती देवियाँ!


मेरे हिंदुस्तान कि कहाँ  खो रही है बेटियां ---------------